तहाव्वुर राणा (फाइल फोटो)
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वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने लॉस एंजिल्स के वाणिज्यिक दूतावास को एक ऐसी ‘सीक्रेट’ चिट्ठी लिखी जिससे पता चलता है कि वह 26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को किस तरह से बचा रहा है। बाकायदा इस “टॉप सीक्रेट चिट्ठी” के माध्यम से पाकिस्तान के काउंसिल जनरल की ओर से वाणिज्यिक दूतावास के अधिकारियों को आदेश देकर राणा के मामले में कोर्ट से मात खाने के बाद एक-एक गतिविधि को न सिर्फ दूतावास से साझा करने के लिए कहा गया। बल्कि इस पूरे मामले में नजदीक से नजर बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए। अमर उजाला डॉट कॉम के पास पाकिस्तान के वाशिंगटन स्थित दूतावास से जारी की गई इस खुफिया चिट्ठी की कॉपी मौजूद है। पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के लिए किए जाने वाले झूठ और फरेब का पर्दाफाश भी इसी चिट्ठी से हुआ है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी और देश में 26/11 का हमला करने वाला मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का बचाव अमेरिका में पाकिस्तान लगातार करता आ रहा है। हालिया मामले में पाकिस्तान का अपने इसी आतंकी को बचाने के चक्कर में एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया। दरअसल अमेरिकी शहर कैलिफॉर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज डेलएस फिशर ने कुछ समय पहले पाकिस्तानी आतंकी राणा की याचिका खारिज कर दी थी। इस याचिका के खारिज होने के बाद ही अमेरिका में पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान इस पूरे मामले में लगातार पहल कर रहा था कि पाकिस्तान के आतंकी राणा को भारत को न सौंपा जाए। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस याचिका के खारिज होने के बाद वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने लॉस एंजिल्स के वाणिज्यक दूतावास से ‘टॉप सीक्रेट कम्युनिकेशन’ किया।
सूत्रों के मुताबिक इस ‘सीक्रेट कम्युनिकेशन’ का मकसद सिर्फ और सिर्फ यही था कि किसी तरीके से राणा की अमरीकी कोर्ट में खारिज हुई याचिका में अपील दाखिल कर इस पूरे मामले में मजबूत और नजदीक से नजर बनाए रखी जाए। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए वाशिंगटन में मौजूद काउंसिल जनरल ने आदेश जारी करते हुए लॉस एंजिल्स में बैठे पाकिस्तान के अधिकारियों को “कुछ” दिशा निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है 26/11 के हमले के मास्टर माइंड राणा की याचिका खारिज होने के बाद पाकिस्तान में बैठे हुक्मरान इस बात की चिंता में लगे हुए थे कि आखिर अब होने वाला क्या है। सूत्रों के मुताबिक राणा की याचिका खारिज होने के बाद इस बात की सबसे ज्यादा संभावनाएं बन रही हैं कि भारत में उसके प्रत्यर्पण की बात आगे बढ़ सकेगी और वह भारत लाया जा सकेगा। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान सीधे तौर पर इस मामले में दखल देकर उसको संरक्षण दे रहा है।
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