जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Israel-Iran War: 15 अप्रैल को ईरान द्वारा इजरायल पर हमले के एक हफ्ते के भीतर ही इजरायल ने भी ईरान पर पलटवार किया। यह पहली बार था जब ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला किया था। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच अगर तनाव बढ़ते हैं तो मध्य पूर्व में हालात बिगड़ सकते हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच तनाव नया नहीं है। आइए नजर डालते हैं इन दोनों देशों की वर्षों पुरानी दुश्मनी के इतिहास पर…
1979- ईरान के पश्चिम समर्थक नेता मोहम्मद रजा शाह इजरायल को अपना सहयोगी मानते थे लेकिन वह एक इस्लामी क्रांति में सत्ता से बाहर हो गए। शाह के जाने के बाद ईरान में इस्लामिक गणतंत्र की स्थापना हुई जो इजरायल को अपना वैचारिक शत्रु मानता है।
1982- इजरायल ने लेबनान पर हमला किया जिसके बाद ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने वहां के साथी शिया मुसलमानों के साथ मिलकर सशस्त्र समूह हिजबुल्ला की स्थापना की। इजरायल हिजबुल्ला को अपनी सीमाओं पर सबसे खतरनाक शत्रु के रूप में देखता है।
1983- हिजबुल्ला ने लेबनान से पश्चिमी और इजरायली सेना को खदेड़ने के लिए आत्मघाती बम विस्फोटों का इस्तेमाल किया। नवंबर में विस्फोटकों से भरी एक कार इजरायली सेना के मुख्यालय में घुसी। बाद में इजरायल लेबनान के अधिकांश हिस्से से हट गया।
1992-94: अर्जेंटीना और इजरायल ने ईरान और हिजबुल्ला पर 1992 में अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में इजरायल के दूतावास और 1994 में शहर में एक यहूदी केंद्र पर आत्मघाती बम विस्फोटों के पीछे होने का आरोप लगाया। इसमें दर्जनों लोग मारे गए थे। ईरान और हिजबुल्ला ने इन आरोपों से इनकार किया था।
2002- इजरायल को यह पता चला कि ईरान एक गुप्त यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के तहत परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। इससे ईरान ने इन्कार किया। इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तेहरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया।
2006 – इजरायल ने लेबनान में एक महीने तक चले युद्ध में हिजबुल्ला से लड़ाई की लेकिन भारी हथियारों से लैस समूह को कुचलने में असमर्थ रहा।
2009 – ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक भाषण में इजरायल को एक खतरनाक और घातक कैंसर कहा।
2010 – स्टक्सनेट नामक एक कंप्यूटर वायरस के जरिये ईरान के नटांज परमाणु स्थल पर यूरेनियम संवर्धन सुविधा पर हमला किया गया। माना जाता है कि इसे अमेरिका और इजरायल ने विकसित किया था। यह औद्योगिक मशीनरी पर सार्वजनिक रूप से ज्ञात पहला साइबर हमला था।
2012 – ईरानी परमाणु विज्ञानी मुस्तफा अहमदी रोशन की तेहरान में एक मोटरसाइकिल चालक द्वारा उनकी कार में बम रखने से मौत हो गई। इस हमले के लिए ईरान ने इजरायल को दोषी ठहराया।
2018 – इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हटने की सराहना की। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया।
2020 – इजरायल ने बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी शाखा के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का स्वागत किया।
2021 – ईरान ने मोहसिन फखरीजादेह की हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया। मोहसिन को गुप्त रूप से ईरान में परमाणु हथियार क्षमता विकसित करने के लिए एक मास्टरमाइंड के रूप में देखा गया था।
2022 – अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री यायर लापिड ने ईरान को परमाणु हथियार देने से इनकार करने की संयुक्त प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर किए।
2024 – सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर पर एक संदिग्ध इजरायली हवाई हमले में दो वरिष्ठ कमांडरों सहित इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सात अधिकारी मारे गए। इजरायल ने न तो इसकी जिम्मेदारी ली और न ही इससे इनकार किया।
यह भी पढ़ेंः ‘इजरायल और ईरान की न करें यात्रा’, मिडिल ईस्ट में बढ़ी टेंशन; भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
Ananya Das is your guide to the latest trends, viral sensations, and internet phenomena. Based on a keen understanding of digital culture, Sophie navigates the ever-evolving landscape of trending topics. With an insightful and engaging approach, she explores what’s buzzing across social media platforms, ensuring readers stay in the loop with the most talked-about and shareable content online.