Tata Technologies IPO: लंबे इंतजार के बाद टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO आज 22 नवंबर से निवेश के लिए खुल गया। इसका क्रेज इतना है कि बस एक घंटे के अंदर ही यह IPO पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया था। पहले दिन इसे कुल 6.5 गुना अधिक बोली मिली। कुल मिलाकर टाटा ग्रुप का 20 सालों बाद आया यह आईपीओ अपने पहले दिन सुपरहिट रहा। आखिर वो कौन से 5 बड़े कारण हैं, जो टाटा टेक के IPO को निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं, आइए जानते हैं। साथ ही जानेंगे कि टाटा टेक की खासियत क्या है और अधिकतर एनालिस्ट्स इसमें क्यों निवेश की सलाह दे रहे हैं।
Tata Technologies का असल बिजनेस क्या है?
यह कंपनी मुख्य रूप से ऑटमोबाइल कंपनियों को टर्नकी सेवाएं देती है। टर्नकी सेवाओं का मतलब है कि ये कंपनी एंड-टू-एंड यानी शुरुआत से लेकर अंत तक सभी तरह की सेवाएं मुहैया कराती है। इसमें कार का कॉन्सेप्ट सोचने, उसके बारे में रिसर्च (R&D) करने से लेकर उसके उत्पादन तक, सभी सेवाएं शामिल होती हैं। यहां तक कि कार में जो डिजिटल सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होते हैं, वो भी यह कंपनी बनाती है।
कुल मिलाकर यह कंपनी प्रोडक्ट डेवलप करती है और उससे जुड़े डिजिटल सॉल्यूशंस बनाती है। कंपनी के पास ऑटोमोबाइल सेगमेंट में प्रोडेक्ट डेवलप करने की महारत हासिल है। लेकिन पिछले कुछ सालों में इसने ऑटोमोबाइल से जुड़े दूसरे सेक्टर्स में भी अपना विस्तार किया है। इसमें एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन, हैवी व्हीकल सेगमेंट आदि शामिल हैं।
अब टाटा टेक के कुछ मजबूत बिंदुओं पर बात करते हैं, जो इसके IPO को आकर्षक बनाते हैं
ERD सेगमेंट में मार्केट लीडर
पहला कारण है कि यह कंपनी ERD यानी इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट में मार्केट लीडर है। ग्लोबल लेवल पर ERD इंडस्ट्री सालाना 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। भारत में इसका बाजार करीब 25 अरब डॉलर का होने का अनुमान है। साथ ही इसमें अगले 5 सालों के दौरान सालाना 14 से 17 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। ERD इंडस्ट्री पर सबसे अधिक पैसा खर्च ऑटोमोबाइल कंपनिया करती है।
आने वाले समय में जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ी, ड्राइवरलेस गाड़ी या कनेक्टेड गाड़ियों का चलन बढ़ेगा, इन कंपनियों का खर्च और बढ़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक अगले 10 सालों में ऑटमोबाइल कंपनियों का ERD पर खर्चा 3 गुना बढ़ जाएगा। चूंकि टाटा टेक इस सेगमेंट की मार्केट लीडर कंपनी है, ऐसे में इसका सबसे अधिक लाभ इसे ही मिलना का अनुमान है।
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Tata Tech का मार्जिन इसकी समकक्ष कंपनियों के बराबर
टाटा टेक के पक्ष में दूसरी बात यह जाती है कि इसका मार्जिन इसकी समकक्ष कंपनियों के बराबर है। कंपनी का मौजूदा EBITDA मार्जिन करीब 18 -19 प्रतिशत है। अगर ERD सेगमेंट में पहले से मौजूद दूसरी कंपनियों की बात करें, जैसे KPIT टेक, तो उनका भी मार्जिन इतना है। इस सेगमेंट में सबसे अधिक EBITDA मार्जिन टाटा इलेक्सी का करीब 30 प्रतिशत का है। जबकि बाकी कंपनियों का मार्जिन 17 से 20% के बीच है।
कर्ज-मुक्त कंपनी
यह भी अच्छी बात है कि टाटा टेक का EBITDA मार्जिन पिछले 3 वित्त वर्ष से लगातार बेहतर हुआ है। साथ ही कंपनी पर कोई कर्ज भी नहीं है। यह इसकी तीसरी सबसे बड़ी खासियत है। मुनाफे की बात करें, तो पिछले 3 वित्त वर्ष में इसका मुनाफा सालाना 61% की दर से बढ़ा है। जबकि रेवेन्यू में 36% की दर से इजाफा हुआ है।
Tata Tech की क्लाइंट्स में इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियां
टाटा टेक की चौथी खासियत यह है इसके अधिकतर क्लाइंट्स में इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियां है। दुनिया भर में ERD पर जो 10 कंपनियां सबसे अधिक खर्चा करती हैं, उसमें से 7 इसकी क्लाइंट है। इसमें मैक लॉरेन, विन फास्ट, नियो, टाटा मोटर्स, जेएलआर, होंडा और फोर्ड आदि शामिल हैं। टाटा मोटर्स तो इसकी पैरेंट कपनी है, जो खुद ही एक काफी मजबूत और बड़ा ब्रांड है।
कंपनी के पास काफी एक्सपर्टाइज
टाटा टेक का 5वां प्लस प्वाइंट यह है कि कंपनी ने अपने सेगमेंट में बहुत ज्यादा एक्सपर्टाइज विकसित कर ली है। यह कंपनी सालों से ऑटोमोबाइल कंपनियों और बड़े सप्लायर्स को एंड-टू-एंड सेवाएं दे रही है। पिछले 10 सालों में इसने कई सफल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोजेक्ट को पूरा अपनी विशेषज्ञता और बढ़ाई है। टाटा मोटर्स के EV सेगमेंट में आगे होने के पीछे इस कंपनी का काफी बड़ा हाथ है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि यह कंपनी नई टेक्नोलॉजी को कितना जल्दी अपना लेती है।
Tata Tech का वैल्यूएशन
कंपनी का ऊपरी प्राइस बैंड 500 रुपये प्रति शेयर है। इस भाव पर कंपनी का वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2023 की आय के 32.5 गुना पीई पर आता है। वहीं वित्त वर्ष 2025 की अनुमानित आय पर इसका पीई रेशियो 21.1 गुना होता है, जो कि मनीकंट्रोल रिसर्च की टीम के मुताबिक आकर्षक है। यह IPO लिस्टिंग के बाद ग्रोथ की संभावना देता है। ऐसे में निवेशकों को यह IPO चूकना नहीं चाहिए। वहीं मुख्य जोखिम की बात करें तो जब ग्लोबल लेवल पर कंपनियां ERD या टेक्नोलॉजी पर अपना खर्चा घटाना शुरू करेंगी, तब इसका बिजनेस दबाव में आ सकता है।
Tata Tech आईपीओ से जुड़ी कुछ बेसिक जानकारी
– आपके लिए यह पूरी रिसर्च की है मनीकंट्रोल रिसर्च टीम के दो सीनियर रिसर्च एनालिस्ट- नितिन शर्मा और नितिन अग्रवाल ने
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