इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.
ईरान के हमले के बाद इजराइल के सामने आयी एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. इज़राइल को डर है कि कुछ दिनों में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) उसके प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अरेस्ट वॉरंट जारी कर सकता है. गाजा में इजराइली कार्रवाई के मामले में साउथ अफ़्रीका समेत कुछ और देशों की याचिका पर आईसीसी यह कदम उठा सकता है.
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्रियों से मुलाकात के दौरान कोर्ट के मामले में मदद मांगी है. नेतन्याहु और इजराइल सरकार के कुछ और वरिष्ठ लोगों के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट की आशंका है.
आपसी मतभेदों को भुलाना होगा
इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु ने मोसाद हेडक्यार्टर और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों का दौरा किया. नेतन्याहु ने मोसाद के अधिकारियों से कहा कि हमारे अस्तित्व पर संकट है, इसलिए आपसी मतभेदों को भुलाना होगा.
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संयम बरतने की अपील खारिज
इससे पहले प्रधानमंत्री ने करीबी सहयोगी देशों की ओर से संयम बरतने की अपील को खारिज करते हुए कहा था कि उनका देश यह तय करेगा कि इस हफ्ते की शुरुआत में ईरान के बड़े हवाई हमले का जवाब कैसे दिया जाए. इजराइल ने ईरान के अभूतपूर्व हमले का जवाब देने का संकल्प लिया लेकिन यह साफ नहीं किया कि यह जवाब कब और कैसे दिया जाएगा.
हम अपने निर्णय खुद लेंगे: पीएम
पिछले साल अक्टूबर में गाजा पट्टी पर शासन कर रहे हमास के लड़ाकों ने इजराइल पर हमला कर करीब 1200 लोगों की हत्या कर दी थी और कई लोगों को बंधक बना लिया था. इसके जवाब में इजराइल ने सैन्य अभियान शुरू किया जो अब भी जारी है और इसके और विकराल रूप लेने की आशंका पैदा हो गई है.नेतन्याहू ने बुधवार को अपनी कैबिनेट की बैठक में कहा था कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम अपने निर्णय खुद लेंगे. इजराइल अपनी रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेगा.
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